दुबई । अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाड़ी मोहम्मद नबी ने अफगानिस्तान क्रिकेट को आगे बढ़ता हुआ देखा है। नबी अपनी टीम के सबसे अनुभवी खिलाडिय़ों में से एक हैं और उन्होंने अपनी टीम को टेस्ट क्रिकेट में खेलने का दर्जा पाते हुए देखा है। नबी ने बताया कि उन्होंने अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को शून्य से टेस्ट क्रिकेट तक लाने का सफर तय किया है।अपने संघर्ष को याद करते हुए नबी बताते हैं वह ये सब पिछले 18 सालों से देख रहे हैं। अपने संघर्ष की कहानी बताते हुए नबी कहते हैं वह और उनका परिवार 1994-96 गृह युद्ध से पीडि़त शरणार्थी थे। पाकिस्तान के पेशावर में उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई शुरू की और वहीं उन्होंने स्कूल और गलियों में क्रिकेट खेलना शुरू किया। इसी तरह नबी क्रिकेट के प्यार में डूबते चले गए।नबी और उनका परिवार 2000 में वापस अफगानिस्तान चला आया। तब उन्हें अपने भविष्य के बारे में कुछ पता नहीं था। नबी ने बताया कि उन्हें अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम का पता एक तालिबानी टूर्नमेंट के दौरान चला था। इसी से उन्हें उम्मीद भी मिली। काबुल में नबी मोहम्मद शहजाद, असगर के संपर्क में आए जो आगे चलकर अफगानिस्तान क्रिकेट का हिस्सा बन गए।34 साल के नबी बताते हैं, हम लगातार खुद को यह कहकर उत्साहित करते रहे कि हम रोल मॉडल्स हैं। अब जब क्रिकेट में युवा खिलाड़ी आ रहे हैं तो हम और मेहनत करते हैं ताकि वे हमें देखते रहे। उन्हें यह लगना चाहिए कि हम यहां तक अपनी मेहनत से पहुंचे हैं। हम हमेशा अपने संघर्ष की कहानियों युवा खिलाडिय़ों को सुनाते रहते हैं।अफगानिस्तान में क्रिकेटर्स के सामने कई चुनौतियां होती हैं। आपको बता दें कि उस देश में एक भी ऐसी दुकान नहीं है जहां क्रिकेट गियर मिलती हो। परिवार से न मिलने वाला सपॉर्ट भी एक दूसरी वजह है। नबी बताते हैं कि वह पाकिस्तान और भारत से क्रिकेट का सामन खरीदा करते थे। उनके पास ठीक पिच भी नहीं हुआ करती थी। नबी और असगर अच्छे परिवारों से आते हैं लेकिन बाकि खिलाडिय़ों की आर्थिक स्थिति उतनी ठीक नहीं थी इसलिए वे क्रिकेट गियर खरीदने के लिए अपनी पॉकिट मनी का इस्तेमाल किया करते थे। नबी कहते हैं, हमें क्रिकेट से प्यार है इसलिए हमने संघर्ष किया। जब हमने आईसीसी डिविजन खेला तो हमने खुद को कहा कि हमारे पास सिर्फ एक ही विकल्प है और वह है जीत। जब अफगानिस्तान की टीम ने आईसीसी टूर्नमेंट्स के लोअर ग्रेड्स में अच्छा परफॉर्म किया और अपने देश के लिए ट्रोफियां जीतने लगे तो अफगानिस्तान में लोग एयरपोर्ट पर आकर उनका स्वागत करने लगे। मीडिया, मंत्री और सांसद उनसे मिलने आने लगे। नबी और शापूर अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के बेहतरीन खिलाडिय़ों में से एक हैं लेकिन वे मानते हैं कि राशिद खान और मुजीब ने उनके क्रिकेट को लोकप्रिय बना दिया है। आपको बता दें कि एशिया कप के सुपर 4 के लिए भारत और अफगानिस्तान का मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। अफगानिस्तान की टीम द्वारा 253 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की पूरी टीम 252 रनों पर ही सिमट गई और मैच टाई हो गया।
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